Babaji ki Sakhi Radha Soami। गुरु से संपर्क।

Radha Soami Satsang beas Babaji Ki sakhi


बात उस समय की है जब अभी डेरा beas शुरुयाती दौर में था ।
एक दिन बाबा सावन सिंह जी महाराज सत्संग की समाप्ति के बाद शिष्यों से आध्यात्मिक विषयों पर ही बातें कर रहे थे तथा जिज्ञासुओं की जिज्ञासाओं को शांत स्वभाव से शांत कर रहे थे । हर प्रश्न का उत्तर बहुत ही सरलता से दे रहे थे और श्रद्धालु भी प्रसन्नता का अनुभव कर रहे थे ।

अभी बातें खत्म न हुई थी कि एक सरदार साहिब जिनके पास काफी सामान भी था , बाहर से आए और सीधे महाराज जी के चरणों पर सिर रख कर फूट फूट कर रोने लग गए । उनका रोना बहुत ही दर्द विदारक था कि उनका रोना देख कइयों की आँखे भी भीग गयीं । महाराज जी ने बड़े प्यार से सिर पर हाथ रख कर पुछा " भाई क्या हुआ ? " पर वो थे कि रोए जा रहे थे । धीरे धीरे रोना कम हुआ पर सुबकना बन्द नही हुआ ।
महाराज जी ने बहुत प्यार से समझाया ," रोने से क्या होगा , कुछ बोलो तो ? "
धीरे धीरे रोना बन्द हुआ , उन्हे पीने को पानी दिया गया।

बाबा सावन सिंह जी ने पुछा , " कहाँ से आये हो ? "
उन्होंने उत्तर में किसी दूर देश का नाम बताया और ये भी बताया कि वो चार साल बाद वापिस आये हैं और हवाई अड्डे से सीधा ब्यास पहुंचे हैं ।
बाबा जी ने रोने का कारण पुछा ।
उनका जवाब था ," महाराज जी , चार साल का बिछोड़ा बर्दाश्त से बाहर हो गया था , आना तो अभी नही था , पर जल्दी इस लिए आया हूँ क्योंकि अगर महीने में गुरु के दर्शन एक बार न किये जाएँ तो जीव पर से गुरु का हाथ हट जाता है ।"

" तुमसे किसने कह दिया ?"

" बाबा जी , आप कई बार °अनुराग सागर° ( कबीर साहिब की रचना ) पढ़ने की सलाह दिया करते थे । "
" हाँ , बहुत ही अच्छी है , सबको पढ़नी चाहिए । "
" महाराज जी , उसी किताब में कबीर साहिब ने कहा है कि कम से कम महीने में एक बार गुरु के दीदार जरूर करने चाहिए , नही तो गुरु से शिष्य का अंदरूनी सम्पर्क टूट जाता है और कृपा का हाथ हट जाता है ।"
" पर तुम क्यों रो रहे हो ? "
◆●◆●◆●◆
◆●◆●◆●◆
" महाराज जी , मुझे तो चार साल हो गए , मुझ से आपका सम्पर्क जो टूट गया , इसी लिए मैं वहां रोज़ रोता था , कि अभी अगर आखरी सांस आ गई तो , मै तो निगुरा ही चला जाऊँगा , मुझे कौन सम्भालेगा ? इसी लिए आपके दीदार की खातिर रोज़ रोता था ।"
" अरे ओ भोले बन्दे , मैंने कब कहा था कि महीने में एक बार का दीदार जरूरी है ?"
" जी , अनुराग सागर में कबीर साहिब ने कहा है ।"
बाबा सावन सिंह जी महाराज ने बड़े ही प्यार से कहा ,
" कबीर साहिब ने कहा था , मैंने तो नही कहा था न ? "
फिर सावन सिंह जी महाराज ने सभी की तरफ देखते हुए कहा ,
" आप लोग भजन बन्दगी को मत छोड़ो , दुनिया में कहीं भी चले जाओ भजन बन्दगी को साथ रखो , आप पर से गुरु का हाथ नही हटेगा और गुरु कृपा सदा आपके संग ही रहेगी । "
ये एक सन्देश है प्रभु का , कि शिष्य को भजन बन्दगी कभी नही छोड़नी चाहिए । ये सन्तों का प्रेम ही है कि उन्होंने सहज ही एक वायदा कर दिया | आप सब को प्यार से...... 
राधा स्वामी जी..
Aur bhi Babaji ki sakhiyan padhne ke liye niche click kren.

Comments

Popular posts from this blog

Radha Soami Babaji Ki Sakhi 2019 | Babaji Nikamon Ke Doctor। बाबाजी निकम्मों के डॉक्टर हैं।

Burai Ki Adat | बुराई की आदत | Radha soami dera beas sakhi in hindi

Radha Soami Babaji ki Sakhi। गरीबी का कारण