क्यों किसी को अंदरूनी भेद नहीँ बताने चाहिए। Why not to reveal your inner experiences
जानिए हमे क्यों किसी को अपनी अंदरूनी तरक्की के बारे में नही बताना चाहिए।
राधा स्वामी संगत जी
मानव जात की एक सबसे बड़ी खूबी है कि वो जब भी खुश होता है तो वो अपनी खुशी सबके साथ बाँटना चाहता है। यही उसका स्वभाव है और यही उसके लिए बेहतर है।
और ख़ुशी के बारे में सबसे मीठी बात ये है कि इसे जितना बांटो, उतना बढ़ती है।
मानव जात की एक सबसे बड़ी खूबी है कि वो जब भी खुश होता है तो वो अपनी खुशी सबके साथ बाँटना चाहता है। यही उसका स्वभाव है और यही उसके लिए बेहतर है।
और ख़ुशी के बारे में सबसे मीठी बात ये है कि इसे जितना बांटो, उतना बढ़ती है।
लेकिन बात जब रूहानी तरक्की की हो तो यहां ये नियम लागु नही होता।
रूहानी तरक्की के बारे में किसी को न बताना ही सबसे बेहतर है।
वो क्यों ? कैसे इतनी शक्तिशाली चीज के बारे में बताना हमारे लिए नुकसान देह हो सकता है ? चलिए जानते है।
जब आप अंदरूनी दर्शन करते हैं या उस रास्ते पर सफलता प्राप्त करते है तो आपके मन में ये विचार आते है कि आप अपने किसी मित्र या रिश्तेदार को ये बात बताओ, जो आपके बहुत करीब हो।
लेकिन भूल कर भी ऐसा ना करें।
इससे आपके मन में अहंकार की भावना आ सकती है, दूसरों के सामने खुद को बड़ा महसूस करते हुए आपके मन में विजयी होने जैसे भाव आ सकते है।
इससे आपको ये प्रभु की दात कम और खुद की मेहनत ज्यादा लगेगी।
फिर आप देखोगे की धीरे धीरे वो दौलत कम हो रही है। ध्यान लगाना और भी जटिल होता जा रहा है।
इसलिए आपको यही सलाह है कि जब भी आपको प्रभु ऐसी दात दें तो उसका शुक्र करें, नुमाइश न करें।
जैसे बाबा जी बताते है कि घर में पड़े सोने को छुपाया जाता है, नुमाइश नहीँ की जाती।
रूहानी तरक्की के बारे में किसी को न बताना ही सबसे बेहतर है।
वो क्यों ? कैसे इतनी शक्तिशाली चीज के बारे में बताना हमारे लिए नुकसान देह हो सकता है ? चलिए जानते है।
जब आप अंदरूनी दर्शन करते हैं या उस रास्ते पर सफलता प्राप्त करते है तो आपके मन में ये विचार आते है कि आप अपने किसी मित्र या रिश्तेदार को ये बात बताओ, जो आपके बहुत करीब हो।
लेकिन भूल कर भी ऐसा ना करें।
इससे आपके मन में अहंकार की भावना आ सकती है, दूसरों के सामने खुद को बड़ा महसूस करते हुए आपके मन में विजयी होने जैसे भाव आ सकते है।
इससे आपको ये प्रभु की दात कम और खुद की मेहनत ज्यादा लगेगी।
फिर आप देखोगे की धीरे धीरे वो दौलत कम हो रही है। ध्यान लगाना और भी जटिल होता जा रहा है।
इसलिए आपको यही सलाह है कि जब भी आपको प्रभु ऐसी दात दें तो उसका शुक्र करें, नुमाइश न करें।
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तो संगत जी अगर आपको ये बात अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करें।
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